तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयानों को लेकर पार्टी में ही सवाल उठने लगे हैं। पार्टी सांसद कबीर सुमन ने मणिपुर में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ममता के ईरोम शर्मिला चानू से मुलाकात के समय दिए गए बयानों पर कई सवाल खडे़ किए हैं।
शर्मिला चानू के संघर्ष की प्रशंसा की थी
25 जनवरी को मणिपुर विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने चानू से मुलाकात की थी। उन्होंने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को मणिपुर से हटाए जाने को लेकर एक दशक से जारी चानू के संघर्ष की प्रशंसा की थी और राज्य में सत्ता में आने पर इसे हटाने का वादा किया था।
पार्टी सांसद ने ब्लॉग पर उठाए सवाल
ममता के इस बयान से नाराज पार्टी सांसद सुमन ने अपने ब्लॉग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ममता से पूछा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी आपने इससे पहले क्या कभी चानू के बारे में बात की? आप बताएं कि कितनी बार आप एएफएसपीए के खिलाफ बोली हैं? सुमन ने पश्चिम बंगाल के जंगलमहल में संयुक्त सुरक्षाबलों की मौजूदगी पर भी सवाल किए।
सूबे में संयुक्त सुरक्षाबल क्या कर रहे
सुमन ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि गैरकानूनी सभा निवारण अधिनियम के तहत राज्य में काफी लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मणिपुर यात्रा के दौरान कहा था कि इन सभी समस्याओं का समाधान सेना के जरिए नहीं हो सकता। इसके लिए राजनीतिक समाधान की जरूरत है। वह बिल्कुल सही हैं। फिर हमारे राज्य में संयुक्त सुरक्षाबल क्या कर रहे हैं?
वही ममता बनर्जी अब एएफएसपीए के खिलाफ बोल रही हैं। जब मैं एएफएसपीए के खिलाफ संसद के बाहर पोस्टर लेकर विरोध करना चाहता था तब उन्होंने ऐसा क्यों नहीं करने दिया।
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